# गीला #
सावन के उमड़ते मेघ,
और आँखों को गीला करता पानी,
कहते हैं बाबा की बिसरी कहानी,
मइया का आंगन,
वो बचपन की यादें,
वो यादों में झूले,
वो मेंहदी की खुशबू,
वो सखियों का कलरव,
वो भइया सा न कोई सानी,
इन सबसे अलग है कुछ आज की कहानी|
डॉ ० गीता द्विवेदी