तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़में लुटाता रहूँ
तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो
मैं तुम्हें देखकर गीत गाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़में लुटाता रहूँ
कितने जलवे फ़िज़ाओं में बिखरे, मगर
मैंने अब तक किसी को पुकारा नहीं
तुमको देखा तो नज़रें ये कहने लगीं
"हमको चेहरे से हटना गवारा नहीं"
तुम अगर मेरी नज़रों के आगे रहो
मैं हर एक शह से नज़रें चुराता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़में लुटाता रहूँ
मैंने ख़ाबों में बरसों तराशा जिसे
तुम वही संग-ए-मरमर की तस्वीर हो
तुम ना समझो तुम्हारा मुक़द्दर हूँ मैं
मैं समझता हूँ तुम मेरी तक़दीर हो
तुम अगर मुझको अपना समझने लगो
मैं बहारों की महफ़िल सजाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़में लुटाता रहूँ
मैं अकेला बहुत देर चलता रहा
अब सफ़र ज़िंदगानी का कटता नहीं
जब तलक कोई रंगीं सहारा ना हो
वक्त क़ाफ़िर जवानी का कटता नहीं
तुम अगर हमक़दम बनके चलती रहो
मैं ज़मीं पर सितारे बिछाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नग़में लुटाता रहूँ
तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो
मैं तुम्हें देखकर गीत गाता रहूँ.