#अधिकतम
कहाँ से लाऊँ वो शब्द ,
जो बया करे मेरे पिता की महिमा।
कहाँ से लाऊँ वो कलम ,
जो लिखे मेरे पिता की कुर्बानिया।
कहाँ से लाऊँ वो जींदगी,
जिसमें उतारु पिता का कर्ज ।
कहाँ से ढूँढू वो किताब,
जिसमे छ्पा वो मेरे पिता का प्यार ।
कहाँ से लाऊँ वो बचपन,
जिसमे में गिरु और वो थामे मुझे।
- Mahek Parwani