अभी तो मिले, फिर.....
वैसे तो अजनबियों से ना होता लगाव
और ना ही इतना प्यार..!
तो ये,
जो उनसे हो रहा है,
क्या है ये सिर्फ ख्याल?
या उन्हीं के प्यार का प्रतिभाव?
अजी लगता हैं,
कि हमें अब शक होने लगा है कि...
वे अजनबियों की कायनात से निकलकर,
कहीं अपने ही बनने की साजिश तो नहीं कर रहे..?!