#अधिकतम #
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कविता
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🍁 आराम का साधन नहीं है प्रेम!
🍁प्रेम स्वयं को मिटा देने की प्रक्रिया है।
🍁 प्रेम अगर अधिकतम हो जाए तो जहर बन जाता है।
🍁प्रेम अधूरा रह जाए तो नासूर बन जाता है।
🍁अगर प्रेम प्राप्त कर लिया जाए तो जीवन स्वर्ग बन जाता है।
🍁प्रेम अगर आध्यात्मिक बन जाए तो जीवन मोक्ष के रास्ते
निकल पड़ता है।
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✒हिरलबा तलाटिया
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