लिख लिया है ख़त तुम्हें
करके याद ही तुम्हें
क्योंकि जीना है मुजको हा
यादो में ही तेरी
यादो में ही तेरी
दुर हो तुम मुजसे
या दुर हु मैं तुमसे
ये पता चल रहा नहीं क्यों
रोया तो मैं भी हूँ हा
यादो में तेरी
राझ ये पता चला ना
तुम्हें और झमाने को
रो लेता हूँ मैं तभी
होती बरसाते जब है हा
और छुपा लेता हूँ मैं अपने आँसू
बारिश ओ की बूंद ओ मे हा
लिख लिया है ख़त तुम्हें
करके याद ही तुम्हें
क्योंकि जीना है मुजको हा
यादो में ही तेरी
यादो में ही तेरी