-पतंगा
शाम होने को आयी थी, धुंधला सा प्रकाश आ रहा था ।
घर की बत्तीया भी जलाई हुई थी,
अचानक एक पतंगा उसे देख आकर्षित होकर मेरे घर मे आ पहुचा।
समय निकल रहा था, वह बत्तियो पे उछल रहा था ।
वह पतंगा रास्ता भटक गया था, उसे शान्त करने के लिए मेने बत्ती बुझा दी। सवेरे जब निंद खुली तो वह जिंदा था, छत के छिद्र मेसे निकल ने का प्रयाश कर रहा था।
मानव हदय से मैने दरवाजे खिड़किया खोल दी, उसने रास्ता खोजा और बाहर चला गया।
क्षनिक समय के बाद तुरंत आया, मानो सुक्रिया कह रहा था।
अचानक वह जाते समय वह छत की छीद्र की और आकर्षित हो गया।
वह फिरसे रास्ता भटक गया, वहा बैठा एक बड़ा सा चूहा उसे पकड़ गया था ।
# जीवन