डर है मुझे कि कहीं खो ना दूं तुझे,
इन ख्वाबों और अरमानों की डोर कहीं ना टूटे
वादे जो ना किए हमने ना खाई कभी कसमें,
यह रिश्ता यूं ही बरकरार रहे भले ही मेरी सांसे रुके
तुम जो नहीं तो जहां में अंधेरा सा लगे,
तुम्हारी खुशी के लिए मजबूरी में ही सही दूरी भी जायज लगे
इश्क की गलियों में चलना साथ रखकर मुझे,
डर है मुझे कि कहीं खो ना दूं तुझे !!
Urmi