कविता
विषय .वाणी "
वाणी का जीवन में ,महत्व होता है ।
मीठी वाणी से ,पराए अपने होते है ।।
कड़वी वाणी से ,अपने पराए होते है ।
वाणी का मारा ,पानी भी नहीं मांगता है ।।
तलवार का धाव ,भर जाता है ।
वाणी का धाव ,सदा हरा रहता है ।।
मीठी वाणी से पशु पक्षी ,भी अपने होते है ।
सच्ची वाणी पर ,सब भरोसा करते है ।।
झुठी वाणी पर ,कोई विश्वास नहीं करता है ।
वाणी ही झगड़े ,फंसाद की जड़ है ।।
मधुर वाणी सभ्यता ,की सूचक है ।
वाणी ही मानव ,का श्रृंगार हैं ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।