बच्चे की पैदाइश के बाद डिलीवरी रूम से निकले 1 घंटा बीत जाने पर औरत को अभी अभी होश आया
बदन में ताकत बिल्कुल खत्म हो गई थी
करवट लेना तो दूर की बात हिलने में
भी बेपनाह दिक्कत हो रही थी !
।। उसने बड़ी मुश्किल से
। दाहिने हाथ को हरकत दी
।। फिर बाएं हाथ को हरकत देने की
।। कोशिश की कुछ नहीं हाथ लगा
वह बेचैन हो गई
।। फिर खयाल आया कहीं
।।नीचे लुढ़क के गिर तो नहीं गया
ओ खुदाया
।। हिम्मत जुटाकर बहुत मुश्किल से
पलंग के नीचे देखा
नीचे भी नहीं
।। मन में घबराहट होने लगी
।। माथे पर पसीने की बूंदें
नुमाया हो गई
।। दूर खड़ी नर्स को इशारे से
बुलाया
।। होंठ हिले पर
।।अल्फाज नहीं निकले
।। नर्स ने औरत की घबराहट महसूस कर ली
।। उसकी आंखें भी नम हो गई
।।आखिर वह भी माँं थी
।।और मांँ की तड़प को कैसे ना समझ पाती
।। दौड़ कर इनकयूबेटर रूम
।। से नव जन्मे बच्चे को
।। लाकर उस मांँ के हाथों में थमाते
हुए कहा
।। मैं समझ सकती हूं
।।बहन लो जी भर के देख लो
।। औरत अपनी तमाम हिम्मत
।।जुटाकर माथा पूछते हुए बोली
।। बहुत शुक्रिया लेकिन मैं तो अपना
।। मोबाइल ढूंढ रही थी !!
।। फेसबुक पर स्टेटस लगाना है कि
मैं मांँ बन गई हूं
।। सचमुच इस दुनिया का अब कुछ नहीं हो सकता !!
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