ना शीघ्रता करो, बाबुल,
बेटी को विदा करने की,
कच्ची कली सी नाजुक,
कैसे सहेगी वक्त का चाबुक...!!!!

कुछ बन जाये, जिन्दगी में,
तो, हर पल जी लेंगी,
गर लग भी जाए,
चोट भरोसे को,
तो, शीघ्र संभाल लेंगी....!!!!

तुम शीघ्रता करतें हो,
यें सोच,
अपनें घर जाएँगी,
पर, यें सोंच,
परियों सी लाड़ो तेरी,
परायो के बीच कैसे,
रह पाएंगी....????

बाबा...तुझे दुआएं देंगी,
लाड़ली तेरी,
कर उसके सपनें पूरे....
शीघ्रता न करो,
बोझ उतारने की,
शीघ्र ही काँधे,
मज़बूत करने हैं उसके,
निर्भीकता से निभाने,
हर जिम्मेदारी.....!!!!!!





#शीघ्र

Hindi Motivational by Varsha : 111465971
Nish 4 year ago

Bahot badhiya..

shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अत्यंत मार्मिक चित्रण..

Deeps Gadhvi 4 year ago

अप्रतिम रचना

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