रात्रि रचना
मेरे सारी चीज़े ढूंढ दे
मेरे हर दुख दर्द को चूम ले,
बिना देखे पढ़ ले बाते
आवाज़ मेरी सुन के।
जो हर पल बस
करे परवाह,
मांगे मेरी खुशी
की दुआ।
वो हस्ती मुझे हसाती है,
मेरी मां मुझे याद आती है।
वो कहती थी में जान तेरी
फिर क्यों ले गया भगवान मेरी।
उस परी को , सुंदर औरत को,
मेरे व्यक्तित्व कि मूरत को।
काश वो लौट के आ जाए,
मेरा जीवन रंगीं हो जाए।
में राह देखु उस मेघ की
ममता की वर्षा हो जाए।