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सब को मैं ही समझूं यार। कोई मुझे भी तो समझे! - इशरत हिदायत ख़ान
दुनिया में अक्सर ऐसे मर्द मिलेंगे जो शादीशुदा तो हैं, मगर तन्हाई की ज़िन्दगी गुज़ारने पर मजबूर हैं। -ज़हूर बख़्श
मन- पसन्द व्यक्ति हर रोग की मधु औषधि होता है! - इशरत हिदायत ख़ान
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - इशरत हिदायत ख़ान
जब कोई आप की बात समझना न चाहे तो उसको समझाना भी व्यर्थ है। बेहतर है कि उसकी ही हाँ में हाँ करना शुरू कर दीजिए। - इशरत हिदायत ख़ान
तुम मेरे लिए इतने परेशान से क्यों हो। मैं डूब भी जाता तो कहीं और उभरता। - इशरत हिदायत ख़ान
काश! समझना, समझाने जैसा आसान होता। लोग हमें समझते कम, समझाते ज़्यादा हैं। इस लिए मामले सुलझने के बजाय अक्सर उलझ जाते हैं। - इशरत हिदायत ख़ान
उनमें कई लोग जूतों के काबिल भी नही थे, जिनको सिर का ताज बना रखा था। - इशरत हिदायत ख़ान
किताबों की तरह बहुत अल्फ़ाज़ हैं मुझमें। और किताबों की तरह बहुत ख़ामोश हूँ मैं। - इशरत हिदायत ख़ान
ख़्वाब दुख देने लगे थे। इस लिए सोना छोड़ दिया..! - इशरत हिदायत ख़ान
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