हाल दिल बरकरार है, धडकने क्युं फरार है
क्युं चुप सी है बहारे, फिजाँए अब फरार है
हर रुखसत के साथ, मुनीसिब है मिलना यहॉ
रोशन हसीन चहेरे पर, अश्क़ अब फरार है
बिछ़ड जाये जाम , खुशी का कबतक जिंदगी
शिकवा ओर शिकायत का ,मौकाअब फरार है
उलफत के रास्ते, यकीनन काँटों से गुजरते है
गुल सा हसीन दिल,जख्म़ ओ दर्द अब फरार है
मौज़ मस्त बेफीक्र, जीने का अंदाज़ हसीन है
हकीकी हुश्न हर हाल, बूतपरस्ती अब फरार है