दिल नहीं होता
किसी का बुरा
ये तो होता है पाक साफ
इसमें नहीं होती
किसी के लिए
कोई बुराई,कोई कामना
इसमें तो होती है
सिर्फ एक धड़कन
जो दिल को चलाती है
पर जब दिल का
साथ देती हैं आंखें
तो एक फसाना बना देती हैं
दिल को एक नए
रास्ते पर चला देती हैं
दिल को आंखों के साथ
जब दिमाग का भी
साथ मिल जाता है
तब दूसरों को वश में
करने का हुनर आ जाता है
सब दिल को ही दोष देते हैं
इनको भूल जाते हैं
दिल भी बेचारा क्या करे
दूसरों के किये की
सजा पाता है
और इस जग में
बदनाम हो जाता है