शुभ रात्रि विश्राम एवं ईश्वर शक्ति को प्रणाम करते हैं बृहस्पतिवार
वीरवार गुरुवार-ब्रह्मदत्त
श्रीहरि
विष्णु
आरती
ब्रह्मदत्त
जय जय
नारायण
नारायण
हरिहरि
विष्णु
जी
जय जय नारायण नारायण हरि हरि विष्णु भगवान सत्यनारायण आपको ब्रह्मदत्त त्यागी
हापुड़ एवं सभी भक्तों का बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार स्वीकार करें आज की
आरती....... जय श्री हरि
ॐ जय जगदीश हरेॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे |भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,क्षण में करे |
ॐ जय जगदीश हरे ||जो ध्यावे फल पावे,दुःखबिन से मन का,स्वामी
दुःखबिन से मन का |सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,कष्ट मिटे तन का |
ॐ जय जगदीश हरे ||मात पिता तुम मेरे,शरण गहूं किसकी,स्वामी शरण गहूं मैं किसकी |तुम बिन और न दूजा,तुम बिन और न दूजा,आस करूं मैं जिसकी |ॐ जय जगदीश हरे ||तुम पूरण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी,स्वामी तुम अन्तर्यामी |
पारब्रह्म परमेश्वर,तुम सब के स्वामी |ॐ जय जगदीश हरे ||तुम करुणा के सागर,तुम पालनकर्ता,स्वामी तुम पालनकर्ता |मैं मूरख फलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी,कृपा करो भर्ता |ॐ जय जगदीश हरे ||तुम हो एक अगोचर,सबके प्राणपति,स्वामी सबके प्राणपति |किस विधि मिलूं दयामय,तुमको मैं कुमति |ॐ जय जगदीश हरे ||दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,ठाकुर तुम मेरे,स्वामी रक्षक तुम मेरे |अपने हाथ उठाओ,अपने शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे |
ॐ जय जगदीश हरे ||विषय-विकार मिटाओ,पाप हरो देवा,स्वमी पाप हरो देवा |श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा |ॐ जय जगदीश हरे ||शुभ संध्या शुभ रात्रि विश्राम आगमन सभी मानव
प्रजाति के लिए...ब्रह्मदत्त
***************समाप्त************** बोलो जय श्री सभी देवों के लिए ....ब्रह्मदत्त