# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .अर्थ "
** कविता **
जीवन जीने के लिए ,अर्थ ही भगवान है ।
अर्थ बिना जीवन सूना ,अर्थ विहीन संसार है ।।
अर्थ कमाने दुनियां भागती ,अर्थ ही सुदंर सपना है ।
बंगले ,शानोशौकत ,सब अर्थ की बलिहारी है ।।
अर्थ बिना भिखारी कहलाता ,मानव दर दर भटकता है ।
अर्थ बिना परिवार न रखता ,हर समय ताने देता है ।।
अर्थ बिना मानव नाथीया होता ,अर्थ से नाथालाल बनता है ।
अर्थ से सम्मान ,इज्जत ,सब कुछ पल में पाता है ।।
अर्थ से सारा संसार सुहाना लगता ,अर्थ से ही जहान है ।
अर्थ बिना तो मुर्दा भी ,बिना जले पडा रहता है ।।
अर्थ से सभी नाते बनते ,अर्थ बिना मानव पराया है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।