जहां बच्चे खेला करते थे
वो बाग़ आजकल सुने है,
जहां भक्ति गूंजा करती थी
वो राग आजकल सुने है।
मुझे याद है वो दिन जब
हम सब
मिल के हसी उड़ाते थे,
किट्टी पार्टी सोडा पार्टी
खूब रंग जमाते थे।
ज़्यादा क्या कुछ कहना अब
बस उम्मीद ही एक सहारा है।
आज भले तुम हम से छिनो,
कल फिर से हमारा है।