अगर इस चित्र को आप नहीं समझ पाए तो आपका जीना बेकार हे।
देखो पापा सरकार महको घर लेजाने को आई हे,
नहीं बेटा वोह हमारे लिए नहीं है,वोह तो बडे लोगो के लीए हे,
लेकीन पापा हमारे देश में तो हमसब एक हेना,
था बेटा अब नहीं हे,
अब क्यूँ नहीं है,
क्यूंकि हम मजदूर है,
और वोह कौन हे जो प्लेन मे जा रहे हे,
वोह हमको मजदुर बनाने वाले लोग हे,हम जो काम करते हे,उनसे वो आगे बडते हे,
पापा काम हम करे और आगे वोह क्यूँ बडे,
क्यूंकि उनकी ख़ुद की जमीन पे कंपनियां होती हे,जीसे हम काम करके उनको आगे बडाते हे,
फीर तो पापा हम बडे हुए ना,
नहि बेटा,उनकी कंपनी होती हे,हम सिर्फ मजदुरी करते हे,
लेकीन माँ तो कहेती थी की,हवा,पानी,जमीन,सुर्य,पेड,पोधे,यह सब भगवानजी का होता हे,
हा बेटा लेकीन कुछ अभीमानी लोग खुद की जागीर समज बेठे हे,
क्यां हम सब साथ ले के जाएंगे जब हम भगवानजी के घर जाएगें,
नहीं बेटा,
फीर यह सब उनकी जागीर कैसे हुई,
होती हे बेटा,कुछ लोगो की होती हे,
हा जो अभीमानी होते,राइट पापा,
राइट बेटा।
आज नैता लोगे के असली चहेरे सामने आ गए हे,
इस कौरोना काल मे भी राजनीती से बाज नहीं आते,
चुनाव के टाईम मे भी इतनी बहस नहीं देखने को मीली जीतनी आज इस काल मे मील रहि हे,