#Keep /रखना
मैं उससे ही कहता हूं,
वो ही सुनेगा।
मैं हूं सर्वहारा,
मगर थोड़ा न्यारा,
है विश्वास मन में
मुझे वह चुनेगा।
मैं लहरों में अब ,
डूबने जब लगा हूं,
तो उससे कहा,
आ मुझे तू बचा ले,
मुझे छानने,
जाल तू ही बुनेगा।
वह ज़रा मुस्कुरा के,
कहता है मुझसे,
तू है कौन ऐसा,
जो तुझको उबारूं?
तेरा काम करने पे
मैं क्यों विचारूं?
ये मैं जानता हूं,
और तू जानता है,
सुदामा हूं मैं,
कृष्ण मेरा सखा है।
बस इतना ही मैं,
जान पाया मुरारी,
तब शेष बातों में,
रखा ही क्या है।