जिंदगी रूपी मेरी इस पतंग को उड़ाऊ तो कैसे,
मांजा काटने को, यहाँ हर कोई तैयार बैठा हे;
जिंदगी के इस रास्तो पर चलू तो कैसे,
कांटे बिछाने के लिए, यहाँ हर कोई तैयार बैठा हे;
पंछी की तरह आसमान में उडु तो कैसे,
परं काटने को, यहाँ हर कोई तैयार बैठा हे;
में एक औरत हूँ,
मुझे भी अपनी जिंदगी जीने का हक़ दो;
मुझे भी अपने सपने पुरे करने दो.
- DB Note✍️
#पतंग