उड़ती हूँ मैं हवा में
बुलंद अपने हौंसले लिए
पर जैसे ही ऊपर पहुँचूं
कोई मेरी डोर खींचे
उड़ना मेरा काम है
पर डोर मेरी किसी की लगाम है
कितना ऊपर पहुँचूं मैं
तय करना उसका काम है
मेरे ख़ुद के हौंसले ही उसके नाम है
छूटी जो डोर उससे
पता मेरा फिर अंजान है
#पतंग