उसने कहा मेरा कोई ठिकाना नहीं!
आज यहां तो कल पता नहीं कहां!
मांग ले तू मांगे तो जन्नत भी दे दुं!
मैं तो फकीर हूं मुझे मोह नहीं उसका!
मैंने भी केह दिया उससे के सुन!
तु फकीर तो मैं भी तेरा चेला हुं!
तेरे संग अपने साथ रखले मुझे!
किसी जन्नत की मुझे ज़रूरत कहां!
Har Har Mahadev * Jay Shri Mahakal * એમી દવે