शुभ संध्या वंदन शुभ रात्रि वंदन शुक्रवार जय माता दुर्गा जय माता लक्ष्मी जय माता सरस्वती आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है
सभी माताओं को मेरा/एवं सभी/भक्तों का संध्या एवं रात्रि नमस्कार ब्रह्मदत्त त्यागी
हापुड़ एवं सभी भक्तों का
शुभ संध्या शुभ रात्रि शुक्रवार
ब्रह्मदत
जय माता दुर्गा जय माता लक्ष्मी
जय माता सरस्वती
विद्या का मतलब शिक्षा के साथ साथ ज्ञान भी है ,माँ यह रूप हमें ज्ञान, कला,
और विज्ञानं की शिक्षा प्रदान करती है जैसा माँ सरस्वती
देती है। विद्या
लक्ष्मी को कमल पे बैठे हुए देखा गया है, उनके चार
हाथ है, उन्हें सफेद साडी में और दोनों हाथो में कमल पकड़े हुए देखा गया है,
और दूसरे दो हाथ अभया और हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को
ही दुनिया की
पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है
(शाक्त साम्प्रदाय ईश्वरको देवी के रूप में मानता है)। वेदों में तो दुर्गा का
व्यापाक उल्लेख
है, किन्तु उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री)
का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा
असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं, शिव की उस
पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी
तथा विकाररहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह
माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है। उस आदि शक्ति देवी ने ही
सावित्री(ब्रह्मा जी की पहली पत्नी), लक्ष्मी, और पार्वती(सती) के रूप
में जन्म लिया और उसने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया था।
तीन रूप होकर भी दुर्गा (आदि शक्ति) एक ही है।
देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)।
मुख्य रूप उनका "गौरी" है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप।
उनका सबसे भयानक रूप"काली" है, अर्थात काला रूप। विभिन्न
रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती
हैं।
प्रस्तुति -ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
जय माता दुर्गा जय माता लक्ष्मी जय माता सरस्वती
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़