जिसने किसी को प्रेम किया है। और जिसने किसी को ऐसी गहनता से प्रेम किया है उसके प्रेमी के अतिरिक्त उसे संसार में कोई और बचा ही नहीं है; जिसने सारा प्रेम किसी एक के ही ऊपर निछावर कर दिया है; जिसके प्रेम में इतनी आत्मीयता है, इतना समर्पण है कि अब इस प्रेम के बदलने का कोई उपाय नहीं है—ऐसी शाश्वत है कि अब कुछ भी हो जाए, जीवन रहे कि जाए, मगर प्रेम स्थिर रहेगा।
जीवन तो एक दिन जाएगा, लेकिन प्रेम नहीं जाएगा। जीवन तो एक दिन चिता पर चढ़ेगा, लेकिन प्रेम का फिर कोई अंत नहीं है। जिसने किसी एक को, इतनी अनन्यता से चाहा है, इतनी परिपूर्णता से चाहा है, वही जान सकता है प्रेम की, प्रीति की पीड़ा...❤️