# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .# पागल "
**कविता **
मैं तेरे प्यार में ,पागल हुआ हूँ ।
मैं तेरे रुप का ,आशिक हुआ हूँ ।।
मैं तेरे नैंनों का ,दीवाना हुआ हूँ ।
मैं तेरे दीदार को ,तरस रहा हूँ ।।
मैं तेरे को पाने ,व्याकुल हुआ हूँ ।
मैं तुझें आँखों में ,बसाना चाहता हूँ ।।
मैं तेरे भजनों का ,दीवाना हुआ हूँ ।
मैं तेरे स्नेह को ,पाना चाहता हूँ ।।
मैं तेरे से मिलना ,चाहता हूँ ।
मैं दिल के अरमान ,बताना चाहता हूँ ।।
तेरी सुगंध से ,महकना चाहता हूँ ।
तेरे चरणों की दासी ,बनना चाहता हूँ ।
मैं तुझें अपना ,दिलबर बनाना चाहता हूँ ।।
मैं तेरे दिल की ,धड़कन बनना चाहता हूँ ।
मैं तेरे सुहाने दशर्न ,पाना चाहता हूँ ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ।
सुप्रभातम् मित्रों ....