तु खाली खाली हो चुकी है जिंदगी,
तू बड़ी सवाली हो चुकी है जिंदगी..!
आंखो का काजल होठो पे है सजा,
तू देखने में लाली हो चुकी है जिंदगी..!
तू पहले थोड़ी थोड़ी सस्ती लगती थी,
नाम क्या बढ़ा मेरा तू महंगी हो चुकी है जिंदगी..!
रुक इतनी उतावली क्यों है रे बावली,
में तो में अब तुभी मौत की ख्याली हो चुकी है जिंदगी..!
✍️किरण