#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .परिचय "
विधा .** कविता **
परिचय किसी का ,मोहताज नही होता ।
हीरा चमक से ,ही पहचाना जाता ।।
व्यक्ति का कार्य ,ही उसका परिचय होता ।
आदमी का व्यक्तित्व ही ,उसका परिचय होता ।।
आदमी अपनी श्रेष्ठता ,से परिचय करवा देता ।
सूर्य को दीया ,बताने की जरुरत नहीं रहती ।।
गुण ही व्यक्ति का ,परिचय होता ।
आईने को किसी को ,बताने की जरुरत नही होती ।।
दिल का आईना ही ,अपना परिचय होता ।
आदमी अपने कार्यो ,से ही आँख का तारा बनता ।।
बृजमोहन रणा ,कवि ,अमदाबाद ।