इक तु ही तो थी, मा
जिसने मुझे जिंदगी के हर पहलू में भी ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे हर हालातो में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे हर रिश्ते की नीव के साथ सांझेदारी में ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी, मा
जिसने मुझे हर छोटी सी भी छोटी चीज से लेकर बड़ी सी भी बड़ी चीज़ में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे जिंदगी की हर जिम्मेदारी में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही थी, मा
जिसने मुझे जिंदगी के हर रंग में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी, मा
जिसने मुझे हर भीड़ में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे हर शमा और परवाने के साथ खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही थी, मा
जिसने मुझे नदी के झरने के बहेते पानी में भी खुद को ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे पेड़ो की तरह उगकर भी ज़मीन पर उसकी जड़ों में भी ढलना सिखाया था।
इक तु ही तो थी,मा
जिसने मुझे ये सिखाया था कि जब तक आप खुद नहीं ढलोंगे किसी चीज या रिश्ते नातो में तब तक आप दूसरों को कभी ढल नहीं पायेंगे।इसीलिए
पहले खुद ढलो,बाद में दूसरों को ढालो।
तब ही आपका और आपसे जुड़े हुए लोगो का जीवन सफल हो सकता है।
हैप्पी मधर्स डे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
केशर कुंज