*सयानी माँ*
रात होती हे और चादर खिंचकर,
चिंता के जहाज मे डूब जाये
वो होती है सयानी माँ...
अपने र्दद और आँसू को जीने मे छुपाये
वो होती है सयानी माँ...
बीते दिन के र्दद को भुलाकर,
नये दिन मे भी अच्छाई की आंस लगाये
वो होती है सयानी माँ...
खुद की निंद्रा न्योछावर करके
दुसरो के खंद दिल मे लिए
पुरी रात बीताये
वो होती है सयानी माँ...
बच्चे को ललकार ने के बाद
खुद वेदना मे आँसू बहाये
वो होती है सयानी माँ...
र्सूय के आगमन से पेहले
खुद उठकर नये सवेरे का सवागत करें
वो होती है सयानी माँ...
बीती बातों को भूलाकर
हर रोज खुद को नया जन्म दे
वो होती है सयानी माँ...
विपरीत परिस्थितियों मे भी
बेजीजक मुसीबतों का सामना करे
वो होती है सयानी माँ...
दिल के सागर मे हजारों र्दद लिए बेठी है,
पर सदा अपने परिवार की खुशियां खोजने मे रेहती है
वो होती है सयानी माँ...
माँ तु तो वो र्मुति है,
जो धूप, छाँव और बारिश
हर परिस्थिति मे वेसी की वेसी ही रेहती है
*...ऐसी तो होती है सयानी माँ...*
*माधुरी वाघसणा..*
*🙏Happy mothers day🙏*