ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हर हर महादेव जय महाकाल
- ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
हर हर महादेव जयमहाकाल
महा मृत्युंजय मंत्र ।
-ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
यह माना जाता है कि इस महामृत्युंजय महाकाल
मंत्र के जाप से भगवान शिव को प्रसन्न
कर उनकी असीम कृपा तो प्राप्त होती
ही है साथ ही यदि साधक इस मंत्र
का सवा लाख बार निरंतर जप कर ले
तो वर्तमान अथवा भविष्य की समस्त
शारीरिक व्याधियां एवं अनिष्टकारी
ग्रहों के दुष्प्रभाव समाप्त किये जा
सकते हैं। यह भी माना जाता है कि
इस मंत्र की साधना से अटल मृत्यु को
भी टाला जा सकता है। इस मंत्र का
उल्लेख ऋग्वेद में हआ है। मंत्र में कहा
गया है कि जो त्रिनेत्र हे एवं हर सांस
में जो प्राण शक्ति का संचार करने
वाले हैं जिसकी शक्ति समस्त जगत
का पालन-पोषण कर रही है हम उन
भगवान शंकर की पूजा करते हैं। उनसे
प्रार्थना करते हैं कि हमें मृत्यु के बंध ।
नों से मुक्ति दें ताकि मोक्ष प्राप्ति का ।
मार्ग प्रशस्त हो। जिस प्रकार ककड़ी।
'' पक जाने पर बेल के बंधन से मुक्त हो।
जाती है उसी प्रकार हमें भी ककड़ी की
तरह इस बेल रुपी संसार से सदा के।
लिए मुक्ति मिले एवं आपके चरणामृत |
का पान करते हुए देहत्याग कर आप में
ही लीन हो जाए।
।। ओम् त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं ।
पुष्टिवर्धनं
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
मामृतात।।
अर्थ
हम त्रिनेत्र भगवान् शिव का चिन्तन ।
करते है जो हमारे पोषणकर्ता हैं।
जैसे ककड़ी अपने तने से बड़ी सरलता
से अलग हो जाती है उसी प्रकार वे ।
हमें मृत्य से मुक्त करें।
प्रस्तुति ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़