ॐ नमः शिवाय
ॐ नम: शिवाय
ॐ त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव वंदना
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।
ॐनमः शिवाय हर हर महादेव जय महाकाल ब्रह्मदत्त त्यागी
: तू बार-बार मुझे आजमाता रहा, भगवान है भी या
नहीं यह मन में विचार जगाता रहा,सच्चाई और
- अच्छाई से बेखबर,रहा तू, और आएना सारे जगत
को दिखाता रहा, तूने मुझ पर बहुत लांछेप लगाएं
मगर,
मैं तुझे क्षमा की राह दिखाता रहा,
कभी आरोप भी, बे आरोप लगाता रहा,
पर मैंने कभी नहीं पूछा तुझसे, कि तू खोज कर
रहा है मेरी, क्योंकि मैं हूं...मैं भगवान हूं
सारा संसार मुझे पूज रहा,सारा जगत मान रहा,
पर मैंने आज तक तुझसे पूछा क्या? तू इंसान है
कि नहीं... तेरा दिल भी क्या.. तुझको सच्चा इंसान
मान रहा....
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़