महाभारत काल का वह सत्य है जो केवल हमने किताबों में पढ़ा है -ब्रह्मदत्त
((यह वाक्य महाभारत काल का है ब्रह्मदत्त))
पांडव वनवास के दौरान इस जंगल में तालाब के प्यास से व्याकुल सभी भाई बेचन हो रहे थे पानी की तलाश में 1एक1एक भाई पानी की खोज में जाता रहा....
जब कोई भी भाई वापस ने लोटा तो युधिस्टर को चिंता हुई और युधिस्टर उनको ढूंढने वन की तरफ निकल पड़े तालाब के किनारे वहां का नजारा देखते ही युधिस्टर सन्न रह गया
।भाइयों को मूर्छित पड़े देखा, वह बोला की मेरे भाइयों की यह दशा किसने की है? |
जिसने मूर्छित किया है वह सामने आये, यक्ष आया और यक्ष ने कहा कि इन्होंने बिना मेरे प्रश्नों का उत्तर दिए पानी पीने की चेष्टा /चाहा की अतः इनकी यह दुर्दशा हुई अगर तुम ने भी ऐसा ही है किया तो तुम्हारी भी यही हालत होगी.... यह तालाब था कटास राज
कटास राज पाकिस्तान के पाकिस्तानी पंजाब के उत्तरी भाग में नमेक कोह पर्वत श्रृंखला में स्थित हिन्दुओं
का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहाँ एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसके अतिरिक्त और भी मंदिरों की श्रृंखला है।
जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। ये इतिहास को दर्शाते हैं। इतिहासकारों एवं पुरात्तव विभाग के
अनुसार इस स्थान को शिव नेत्र माना जाता है। जब माँ पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आँखों से दो।
आंसू टपके। एक आंसूकटास पर टपका जहाँ अमृत बन गया! यह आज भी महान सरोवर अमृत कुण्ड ।
तीर्थ स्थान कटासराज के रूप में है
दूसरा आंसू अजमेर राजस्थान में टपका और यहाँ पर पुष्करराज तीर्थ स्थान है।
प्रस्तुति ==
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
॥