तुम संवेदनशील हो
बहुत अच्छा है
हर कोई अपना मतलब सिद्ध
कर लेता है गाहे-बग़ाहे
तुम्हारी संवेदनाओं की छतरी में
बारिश से बचने के लिए
और चिलचिलाती धूप में
थोड़ी सी छांव के लिए
तुम आधे भीगने का आनंद लेकर
उसे पूरा #सूखा रखते हो
जलती धूप में अपनी बांह की
कोहनी तक बहते पसीने में भी
उसे छांव के नीचे रहने का सुकून देते हो !!
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