शून्य से सर्जन और शून्य से विनाश यह प्रकृति का
नियम है
सर्जन और विनाश यह
सनातन सत्य है
जो उत्त्पन्न होता है उसका
अंत निस्चित होता है
जन्म और मरण के बीच है
जीवन इस सत्य को स्वीकार
कर सत्य के मार्ग पर चलकर
सत्कर्म करके जीवन को सार्थक करना यही है मनुष्य के जीवन का कर्तव्य
Anil Mistri