आज की प्रतियोगिता ।
# विषय .# सूखा "
** कविता **
सूखा भुखमरी ,का संकेत है ।
सूखा एक प्राकृतिक ,विपदा है ।।
सूखा वर्षा का ,नहीं होना बताता है ।
सूखा धरती को ,बंजर बनाता है ।।
सूखा किसानों ,को मार देता है ।
सूखा पानी रहित ,धरती कर देता है ।।
सूखा पानी का ,संकट खड़ा करता है ।
सूखा को लोग ,अकाल होना बताते है ।।
सूखा धरती की ,सुदंरता हर लेता है ।
सूखा सब ओर ,भुखमरी फैलाता है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।