*मैं और मेरे अहसास*
वो लम्हें हमेशा
दिल को बहलाते हैं l
घंटों तुम्हारा पहलू में बैठे रहना l
एक पल भी अकेला ना छोड़ना l
आंख नम होने तक...... l
बहुत याद आते हैं वो पल l
ठहरो जरा,
एक बार फिर से जी लूं वो पल l
उन के साथ जीकर
सारे जहां की खुशियों को पालूं l
मे उनका दामन भरना चाहती हूँ l ll
दर्शिता