चल पकड़ मेरे शब्दों की उंगली
मेरे दिल की सैर कराऊ..
वहां एक ख़ास गली है जहां रहेती है तु
चल तुझे तेरे घर ले जाऊं..
चल पकड़ मेरे शब्दों की उंगली
मेरे दिल की सैर कराऊ..
उस घरमे एक मंदिर जहां पूजा तेरी होती है
चल तुझे तेरे ही दर्शन कराऊ..
चल पकड़ मेरे शब्दों की उंगली
मेरे दिल की सैर कराऊ..
वहां बाल्कनी में है तू बैठी चाई लेके राह देखती
चल तुझे तेरे ही हाथ से बनी चाई पिलाऊ..
चल पकड़ मेरे शब्दों की उंगली
मेरे दिल की सैर कराऊ..
बरसो से आइना देख तू सजती है
चल तुझे तेरी सुंदरता दिखाऊं..
चल पकड़ मेरे शब्दों की उंगली
मेरे दिल की सैर कराऊ..
✍️मरीचि