#किंमत
चंदन को कोयला बनाके बेचे है क्यों ?
हिरे को पथर के दाम बेचे है क्यों ?
छोटी छोटी मुश्किल से हारे है क्यों ?
दुनिया के तानो पे बिके है क्यों ?
बड़ी किंमत पे छोटी मजबूरियों को बेचे है क्यों ?
जहर पी के भी मीरां ने कृष्णा को पाया,
तू तो है अनमोल ,
खुद को फिर मोल पे तोले है क्यों ?
Mahek Parwani