लिखने वालो ने बहोत लिखा है एक रोज की मोहब्बत पर
कभी घर की देहलीज पर जाओ मोहब्बत का आशियाना पाओगे
परायो को छोड़ो मोहब्बत सिर्फ अपनो से ही पाओगे
माँ की डाट मैं भी तुम्हे फ़िक्र नज़र आएगी और पिता के गुस्से में भी तुम्हे अनुभव नज़र आएगा
भाई बहन की तकरार मैं भी तुमको उनकी मोहब्बत नज़र आएगी-Shweta