**कविता **
#विषय . फूल और कांटे " फूल कांटों में ,ही खिलते है ।
फूल कांटों से ,रिश्ता निभाते है ।।
फूल कांटों का ,दर्द खुद सहते है ।
इसलिए वो ,सुरक्षित रहते हैं ।।
फूल कांटों की ,अजब कहानी है ।
बिना कांटों का ,फूल कहीं नहीं दिखता है ।।
फूल तो कांटों में ,ही सदा खिलखिलाता है ।
ये एक दुसरे बिन ,जी नहीं सकते है ।।
खिले फूलों पर ,भंवरे मंडराते है ।
कांटों को ये जरा ,भी नहीं भाते है ।।
क्योकी वे फूलों पर ,जान लुटाते है ।
मानव को यह ,अनमोल सीख देते है ।।
कष्ट ,मुश्किल से ही ,खुशियाँ महकती है ।
फूल कांटों से प्यार करते है ।।
इसीलिए सबके दिलों ,में महकते है ।
फूल की सुरक्षा ,कांटे ही तो करते है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।