मैं तुम्हें फटकार दिया करता था,कहता था हर वक़्त फोन मत किया करो,मेरे पास काम है
तुम दबी सी आवाज़ में कहती थीं ठीक है और फिर दोबारा फोन करती थीं,मैं फिर फटकारता था तुम्हें।
इस लॉकडाउन ने मुझे तुम्हारे प्यार का एहसास करा दिया।
21 मार्च को आखरी बार मैंने तुम्हें फटकारा था
और आज देखो सोच रहा हूँ तुम फोन करो और मैं फिर फटकार लगाऊं तुम्हें और कहुँ तुम से फोन क्यों नही किया इतने दिन से