*डाक्टर *
"कविता "
धरती का आधार तुम्हीं हो ।
सब दिल की आवाज तुम्हीं हो ।।
बिमारियों को तुम दूर भगाते हो ।
मानवता का अद्भूत नाता निभाते हो ।।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते हो ।
चौबीस धंटे तुम नव जीवन देते हो ।।
अपनी चिन्ता जरा भी नहीं करते हो ।
हर पल मानव सेवा करते हो ।।
ईश्वर को तो मैंने नहीं देखा है ।
पर धरती के साक्षात् ईश्वर तुम हो ।।
नमन करता हूँ तुम्हारी देश भक्ति को ।
अपना नाम तुम सार्थक करते हो ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।