वो भी क्या दिन थे
जब हम बिना कोई कारण
पूरे दिन तक खेलते रहेते थे...
वो भी क्या दिन थे
जब हम बिना कोई कारण
मां के पल्लू में छुप जाते थे...
वो भी क्या दिन थे
जब हम बिना कोई कारण
दोस्तो के साथ घूमने जाते थे...
आज भी क्या दिन है....
बीती हुई मीठी पल याद करते
हुए सब एक छत के नीचे बैठे
है फिर से बचपन जी रहे है...