#नारी
वो हर बार टूटती है बिखरती है,
ओर वो बार बार जुड़ती है।
घर बचाने की एक ही,
तरक़ीब उसे आयी है।
फिर भी इस दुनिया मे,
वो किसी की अपनी,
कहाँ बन पाई है।
जन्म लिया उस घर भी,
ब्याह कर आई उस घर भी
#नारी तो बस पराई है
यह दुनिया उसका यह,
दर्द कहाँ समझ पाई है।