#आज_का_दिन
आज यानि 13 अप्रैल का दिन मुख्यत: उत्तर भारत में #बैसाखी त्यौहार के रूप में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। अपनी पकी हुई रबी की फसल देखकर किसान अपनी खुशी और हर्षोल्लास इस पर्व से जताता है। वैसे यह त्योहार केवल उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि हरियाणा और देश के बाकी हिस्सों में भी अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। जहां असम में इस त्योहार को #बिहू के नाम से मनाया जाता है, वहीं पश्चिम बंगाल में इसे #पोइला_बैसाख के नाम से मनाया जाता है। ठीक इसी तरह केरल में इसे #विशु के नाम से जाना जाता है।
इसके अलावा आज के दिन से ही सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के कारण आज का दिन #मेष_संक्रांति भी कहा जाता है। भारतीय जनमानस में संक्रांति पर देश की पावन नदियों गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा आदि में स्नान की परम्परा भी है, लेकिन इस बार #लॉकडाउन के कारण यह पूरी तरह संभव भी नहीं है।
आज का दिन भारतीय इतिहास के कुछ ऐसे पन्नों से भी जुड़ा हुआ है जिसे भुलाना संभव नहीं है।आज यानि बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में आनंदपुर साहब में मुगलों के अत्याचार का मुकाबला करने के लिये खालसा पंथ की स्थापना की थी।
आज ही के दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आजादी की लौ जलाने वाले शहीद मंगल पांडे को दी फांसी की सजा दी गई थी। और आज ही का दिन भारतीय इतिहास में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है, जिसे हम #जलियांवाला के नाम से जानते हैं।
वर्ष 1919 में आज ही के दिन एक शांतिपूर्ण सभा के लिए जलियांवाला बाग में जमा हुए हजारों भारतीयों पर अंग्रेज हुक्मरान ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर इस घृणित कार्य को अंजाम दिया था, जिसका कोई पर्याय नहीं मिलता।
सादर श्रद्धांजलि सहित. . .
/वीर/