क्यू आते हो सपनों में रोज कभी हकीकत में भी आओ ना
क्यू सतातेहो यादोसे अपनी
क्यू सतातेहो यादोसे अपनी कभी सीनेसे तो लगाओ ना..
माना कि हुई है भूल मुझसे भी
माना कि हुई है भूल मुझसे भी पर ए दूरीयो की सजा तो कम करवाओ ना..
रुकसत होकर मुंह क्यू मोड़ रहे हो
रुकसत होकर मुंह क्यू मोड़ रहे हो फिर से एकबार नजर से नजर मिलाओ ना..
क्यू आतेहो सपनों में रोज फिर से एकबार हकीकत में आओ ना ।..
हमारी अधूरी कहानी...