एक सच जो अनकहा रहा जाता है हर बार
एकही गलती दोहराई जाती है बार बार
सरकार जिसकी हो बन जाता है खुंखार
निगलने का सोचते है सारा बाजार
इनको न होता है जनता से कोई सरोकार
तिजोरीया भरती है इनकी और जनता बेकार
सभी नेता बढाते है अपनी तोंद का आकार
जो नेता नही मानता इनका कहना
उसे कर देते है बदनाम और बेकार....
#अनकहा