बृहस्पतिवार वीरवार
गुरुवार ब्रह्मदत्त
शुभ
संध्या
वंदन
भगवान विष्णु के चरणों में समर्पित
करने लेकर फूल आया हूं...
- जो कुछ भी मुझसे अनजाने में
गलतियां हुई है उनको मैं भूल आया हूँ
शरण अर्पण तुम्हारे विष्णु जी जीवन
को करने आया हूँ....
आप के ही चरणों में यह अर्जी के इन
- फूलों की भेंट चढ़ाने आया हूँ....
। ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ ।।