प्रारम्भ हुआ युग परिवर्तन का हर घर दीपक जल जाने से थाली बाजे ताली बाजे मानव को एक कराने से. यह ध्वनि नही नाद है ,राक्षस कुल का विनाश है, हम बटे हुए थे धर्मो मे स्वनिर्मित, सतकर्मो मे ,भूले थे मानव पाठ मगर ,एक क्षण छोटी कोशिश ये सही हम सबको एक कराने की ,हमे पंक्ति मे ले आने की . हम एक होकर जो वार करे हारे दुश्मन ताकत खोके , हम सबको ये आभास हुआ एक महामानव के आने से ,प्रारम्भ हुआ युग परिवर्तन हर घर दीपक जल जाने से.
#प्रारंभ